जलवायु परिवर्तन व जल संकट के बढ़ते खतरे के बीच अमेजन ने विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर यमुना नदी जलग्रहण क्षेत्र में 400 मिलियन लीटर जल पुनःपूर्ति परियोजना की घोषणा कर की है. इस परियोजना का उद्देश्य न सिर्फ जल संरक्षण है, बल्कि दिल्ली के जल संकट से जूझते समुदायों के लिए दीर्घकालिक समाधान देना भी है.

यह पहली बार है जब अमेजन दिल्ली क्षेत्र में भूजल पुनर्भरण की दिशा में प्रत्यक्ष वित्तपोषण कर रहा है. यह परियोजना हेस्टन रीजनरेशन, अर्पण सेवा संस्थान और क्लियर वॉटर डायनेमिक्स के सहयोग से संचालित होगी, जो तालाबों, चेक डैम, परकोलेशन पिट व रिचार्ज शाफ्ट जैसी जल संरचनाओं के पुनर्वास और निर्माण में विशेषज्ञता रखते हैं. इन सभी के प्रयासों से यमुना बेसिन में भूजल स्तर बढ़ाने, मिट्टी की नमी बनाए रखने व पारिस्थितिक तंत्र को सशक्त करने में मदद मिलेगी.

लगातार गिर रहा है भूजल स्तर:

दिल्ली में जल संकट गहराता जा रहा है. भूजल स्तर लगातार गिर रहा है. जल आपूर्ति की समस्याएं सामान्य जीवन व व्यवसायों को प्रभावित कर रही है. ऐसे में यमुना में जल संरक्षण की यह पहल स्थानीय स्तर पर जल सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में कारगर साबित हो सकती है. अमेजन के इस कदम को निजी क्षेत्र द्वारा जल प्रबंधन में भागीदारी के रूप में देखा जा रहा है.

‘द पॉन्डमैन ऑफ इंडिया’ के नाम से जाने जाने वाले रामवीर तंवर, हेस्टन रीजनरेशन की शीबा सेन व अन्य विशेषज्ञों ने अमेजन के उद्घाटन जल संवाद 2025 कार्यक्रम में हिस्सा लिया, जहां जल संसाधनों की चुनौती व समाधान पर विस्तृत चर्चा हुई. इस दौरान सांसद सस्मित पात्रा ने इस पहल को समावेशी व समुदाय-आधारित जल समाधान की दिशा में एक प्रेरणादायक उदाहरण बताया.

दिल्ली को पानी का सहारा: 

अमेजन के ऑपरेशन के वाईस प्रेसीडेंट अभिनव सिंह के मुताबिक, यह परियोजना न केवल 2027 तक अपने संचालन में उपयोग किए गए पानी से अधिक पानी लौटाने के लक्ष्य को पूरा करेगी, बल्कि स्थानीय समुदायों को जल संसाधनों के प्रबंधन में भागीदार बनाएगी. जल संरक्षण की दिशा में निजी क्षेत्र की इस तर यमुना जैसी संकटग्रस्त नदी के लिए आने वाले वर्षों में पर्यावरणीय स्थिरता व जल संसाधन प्रबंधन में बड़ा बदलाव ला सकती है.