नई दिल्ली: डायबिटीज के मरीजों को यूं तो हमेशा ही आलू खाने से डॉक्टर मना करते हैं, क्योंकि इसमें कार्बोहाइड्रेट की मात्रा सबसे ज्यादा होती है, जो डायबिटीज के मरीजों के शुगर स्तर को बढ़ा देती है. ऐसे में प्रोटेक्शन ऑफ प्लांट वैरायटी एंड फार्मर्स राइट अथॉरिटी यानी पौधा किस्म और कृषक अधिकार संरक्षण ने आलू की एक नई किस्म विकसित की है. यह आलू तमाम गुणों से भरपूर है, इसे डायबिटीज के मरीज भी सीमित मात्रा में खा सकते हैं. इसे खाने से उनका शुगर स्तर नहीं बढ़ेगा और इसमें कार्बोहाइड्रेट की भी मात्रा कम है. इसके अलावा इस आलू में तमाम पौष्टिक तत्व मिले हुए हैं, जिसे खाने से लोगों का वजन भी नहीं बढ़ेगा. हालांकि इस आलू पर अभी पूरी तरह से रिसर्च जारी है और इसका प्रमाण पत्र भी अभी पूरी जानकारी के साथ जल्द ही जारी किया जाएगा.

देखने में बाजार जैसी आलू लेकिन गुण हैं अनोखे
यहां के प्लांट वैरायटी एग्जामिनर डॉक्टर अजय कुमार सिंह से जब हमने बात की तो उन्होंने बताया कि यह आलू बाजार में मिलने वाली आलू जैसी ही देखने में लगता है, लेकिन खाने में यह पूरी तरह से अलग है. जब हमने इसकी जांच की तो इसमें 30 से 40 तत्व ऐसे पाए हैं, जो बाजार में मिलने वाली आलू से एकदम अलग है. इसे विकसित किया गया है कई तरह की किस्म को मिलाकर और इसके गुण भी बेहद अनोखे हैं. यह खाने में ज्यादा स्वादिष्ट है और किसानों को इससे मुनाफा भी ज्यादा होगा. अगर किसान इस किस्म को समझेंगे और अपने खेत पर लगाएंगे तो इसका उत्पादन ज्यादा होगा. पौष्टिक होने की वजह से मार्केट में भी इसे अच्छी कीमतों पर लोग खरीदेंगे.

प्रमाण पत्र जल्द ही जारी होगा 
अजय कुमार सिंह ने बताया कि इसमें तमाम तत्व हैं जो दूसरी आलू में नहीं पाए जाते हैं. इसका प्रमाण पत्र जल्द ही जारी किया जाएगा जिसमें लिखा होगा कि इसमें कितने प्रकार के गुण हैं. कैसे यह दूसरी आलुओं से अलग है. आपको बता दें कि फिलहाल इस आलू के बारे में यह जानकारी दी जा रही है कि इसे डायबिटीज के मरीज भी खा  सकते हैं. इसमें कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम है और यह आलू पूरी तरह से सेहतमंद है. हालांकि इसमें कितने गुण हैं और डायबिटीज के मरीजों के लिए यह पूरी तरह से कितनी सुरक्षित है, इसका प्रमाण पत्र जारी होने के बाद ही पता चल सकेगा.