नई दिल्ली: दिल्ली का महापौर चुने जाने के बाद भी राजा इकबाल सिंह के स्थायी समिति की सदस्यता से इस्तीफा न देने पर आम आदमी पार्टी ने सवाल खड़े किए हैं. एमसीडी में नेता प्रतिपक्ष अंकुश नारंग ने कहा कि ऐसा पहली बार हो रहा है कि निगम की स्थायी समिति का कोई सदस्य वहां महापौर चुन लिया जाता है और फिर भी वह समिति की सदस्यता से इस्तीफा नहीं देता है, जबकि स्थायी समिति भी महापौर को रिपोर्ट करती है. उनको नैतिकता- प्रोटोकॉल का सम्मान कर स्थायी समिति की सदस्यता से इस्तीफा देकर दिल्ली की जनता से खेद प्रकट करना चाहिए.

अंकुश नारंग ने महापौर को लिखा पत्र दिखाते हुए कहा कि राजा इकबाल 25 अप्रैल को महापौर बने, लेकिन वे सिविल लाइन जोन से स्टैंडिंग कमेटी मेंबर भी हैं. एमसीडी में 12 जोनों और हाउस से 18 स्टैंडिंग कमेटी सदस्य चुने जाते हैं, जिनमें से चेयरमैन और डिप्टी चेयरमैन चुना जाता है. हाल ही में नोटिफिकेशन जारी हुआ कि जोन्स के चेयरमैन, डिप्टी चेयरमैन और दो जोनों- सिटी एसपी और साउथ जोन के स्टैंडिंग कमेटी मेंबर्स के चुनाव होंगे, क्योंकि आप पार्षदों ने इस्तीफा दे दिया है.

पहले ही देना था इस्तीफा: राजा इकबाल सिविल लाइन जोन से स्टैंडिंग कमेटी मेंबर हैं और इतिहास में कभी नहीं हुआ कि महापौर स्टैंडिंग कमेटी की मीटिंग में मेंबर के रूप में नीचे बैठे जबकि चेयरमैन ऊपर बैठे. स्टैंडिंग कमेटी महापौर को रिपोर्ट करती है, इसलिए नैतिकता के आधार पर राजा इकबाल को महापौर बनते ही स्टैंडिंग कमेटी मेंबर पद से इस्तीफा दे देना चाहिए था. उन्होंने राजा इकबाल से कहा कि नैतिकता के आधार पर वे स्टैंडिंग कमेटी से इस्तीफा दें और दिल्ली की जनता को बताएं कि किस लालच में वे इस पद पर बने हुए हैं.

हमने सकारात्मक भूमिका निभाई: उन्होंने कहा बुधवार को दूसरी बार सदन चला, जब 'आप' ने विपक्ष में सकारात्मक भूमिका निभाई. यह पक्का है कि सदन का चलना विपक्ष पर निर्भर करता है. भाजपा नकारात्मक सोच के साथ आती थी, जिसका न तो पार्षदों से लेना-देना था, न ही दिल्ली की जनता से. हमने दो साल में शानदार फैसले लिए और विपक्ष में आने पर सदन भी चलवाया.

मेयर से की मांग: उन्होंने यह भी कहा कि मैं यह समझने में असमर्थ हूं कि अगर निगम में स्थायी समिति का गठन होता है तो आप किस हैसियत से निगम समिति की बैठकों में शामिल होंगे. नेता विपक्ष होने के नाते मैं मांग करता हूं कि नैतिकता और प्रोटोकोल का ध्यान रखते हुए आप स्थायी समिति सदस्य के पद से तुरन्त इस्तीफा दें और अभी तक इस्तीफा न देने के लिए सार्वजनिक रूप से खेद प्रकट करें.